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07:03, 27 जुलाई 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[लक्ष्मीनारायण रंगा]]
|अनुवादक=
|संग्रह=आंख ई समझै / लक्ष्मीनारायण रंगा
}}
{{KKCatHaiku}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
पात्र हूं बस
जळ, अमी, जहर
चावै सो भर
{{KKBR}}
आवै जद ई
थारी याद, म्हारी मा
हिमाळो गळै
{{KKBR}}
काळी लछमी
करै गोरी लछमी
संत मायावी
</poem>