600 bytes added,
07:08, 27 जुलाई 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[लक्ष्मीनारायण रंगा]]
|अनुवादक=
|संग्रह=आंख ई समझै / लक्ष्मीनारायण रंगा
}}
{{KKCatHaiku}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
सीता राम तो
राजस भोग रैया
कौसल्या बन
{{KKBR}}
गुमगी फळी
गायब फोफळिया
घर-बजारां
{{KKBR}}
राजनेता तो
सांपड़तै अघोरी
सो कीं पचै है
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader