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08:31, 27 जुलाई 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[लक्ष्मीनारायण रंगा]]
|अनुवादक=
|संग्रह=आंख ई समझै / लक्ष्मीनारायण रंगा
}}
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{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
अरे कणै तो
चै‘रे परला चै‘रा
उतार मन!
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शकुंतलावां
भूलती जा रैयी है
दुष्यतां नैं ई
{{KKBR}}
चैफेर बधै
तक्षक नाग आज
जन्मेजै जाग
</poem>
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