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09:26, 27 जुलाई 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[लक्ष्मीनारायण रंगा]]
|अनुवादक=
|संग्रह=आंख ई समझै / लक्ष्मीनारायण रंगा
}}
{{KKCatHaiku}}
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<poem>
अहिंसा पाळो
हत्या करा‘र भी थे
खुल‘र हांसो
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नेताजी कै‘वै
‘‘छाण रिगत पीवां
साकाहारी हां’’
{{KKBR}}
जाग जा अबै
सांसा उडै है रूई ज्यूं
नीं रूकै रोक्यां
</poem>
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