गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
किसका काँधा ! / कविता भट्ट
202 bytes added
,
21:40, 1 अगस्त 2018
सैनिक की प्रिया के
काश! केशों में सजूँ ।
7
आशा-संघर्ष
कुकुरमुत्ता बन
है मुस्कुराता
सड़े- गले जग में
जिजीविषा सिखाता ।
-0-
<poem>
वीरबाला
4,855
edits