बाप की तरियां लडि़ए बेटा, लोग हंसाइए मतना,
सबनै एक दिन मरना, परवा कौन्या जान की,
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वहीं मास्टर नेकीराम भारत रत्न बाबा भीमराव अम्बेडकर के नारे शिक्षित बनो को साकार करते हुए अपने सांगों के माध्यम से आजीवन शिक्षा की अलख जगाते रहे। उन्होंने अपने सांग सेठ ताराचन्द की एक रागनी में कहा भी है कि:-
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लिखे पढ़े बिना कदर नहीं सै, पढऩे की तैयारी करले,
कोई अनपढ़ बेटा रहज्या किसे का तडफ़-2 कै मरले।।