मैं नचिकेता{{KKGlobal}}{{KKRachnaमैं नचिकेता |रचनाकार=घनश्याम चन्द्र गुप्त|अनुवादक=|संग्रह=}}<poem>
मैंने यम के द्वार पहुंच कर दस्तक दी थी
द्वार खोल यम
अनवरत साधना अनुशासन से ही निखरा
मैं शान्ति-प्रणेता आत्म-विजेता नचिकेता
मैं नचिकेता © घनश्याम चन्द्र गुप्त, २०१८ © Ghanshyam Chandra Gupta, 2018 १९९३, २००३, २०१२, २०१८</poem>