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क़तील शिफ़ाई
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04:28, 3 सितम्बर 2018
* [[विसाल की सरहदों तक आ कर जमाल तेरा पलट गया है / क़तील ]]
* [[खुला है झूठ का बाज़ार आओ सच बोलें / क़तील ]]
* [[वो दिल ही क्या तेरे मिलने की जो दुआ न करे / क़तील ]]
* [[दर्द से मेरा दामन भर दे या अल्लाह / क़तील ]]
Jangveer Singh
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