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03:51, 27 सितम्बर 2018 {{KKCatGhazal}}
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{{KKRachna
|रचनाकार= पयाम सईदी
|अनुवादक=
|संग्रह=
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<poem>
आपके दिल ने हमें आवाज दी हम आ गए
हमको ले आई मोहब्बत आपकी हम आ गए
अपने आने का सबब हम क्या बताएँ आपको
बैठे बैठे याद आई आपकी हम आ गए
(सबब = कारण, वजह)
हम है दिलवाले भला हम पर किसी का ज़ोर क्या
जायेंगे अपनी ख़ुशी अपनी ख़ुशी हम आ गए
कहिये अब क्या है चराग़ों की ज़रुरत आपको
लेके आँखों में वफ़ा की रौशनी हम आ गए
</poem>