Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अजय अज्ञात |अनुवादक= |संग्रह=जज़्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=अजय अज्ञात
|अनुवादक=
|संग्रह=जज़्बात / अजय अज्ञात
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
दरमियाँ के फ़ासले सब मिट गए
गुफ़्तगू से मसअले सब मिट गए

साथ जब ले कर चला माँ की दुआ
मुश्किलों के ज़लज़ले सब मिट गए

आ गयी है उम्र ऐसे मोड़ पर
झूठे सच्चे चोंचले सब मिट गए

फ़ेसबुक पर दब गया ऐसा बटन
यार जो थे दोगले सब मिट गए

इक मुक़द्दर का लिखा न मिट सका
और बाक़ी फ़ैसले सब मिट गए
</poem>
Mover, Reupload, Uploader
3,998
edits