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जीवन का यज्ञ / रश्मि शर्मा
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22:31, 6 अक्टूबर 2018
तुम हवन कुंड बनो
मैं समिधा बन तुममें
समाहित हो
जाऊं
जाऊँ
और पवित्र श्लोक बन
हर जन्म तुम्हें याद
आऊं।
आऊँ।
</poem>
वीरबाला
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