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नागिन / हरिवंशराय बच्चन
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,
10:56, 27 जुलाई 2008
दे तुझको व्याली की काया,
र्धूजटि
धूर्जटि
ने अपने जटिल जूट-
व्यूहों में तुझको भरमाया,
Anonymous user
Tusharmj