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क्वाँर की बयार / अज्ञेय
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05:21, 29 अक्टूबर 2018
::::क्वाँर की बयार चली,
शशि गगन पार हँसे न हँसे--
::::
शेफ़ाली
शेफाली
आँसू ढार चली !
नभ में रवहीन दीन--
::::बगुलों की डार चली;
Sharda suman
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