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हम न मरब / विजय कुमार
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14:15, 29 अक्टूबर 2018
मैं
उन अन्तरालों में जाना चाहता था
दूर जुलूस की आती थीं
आवाजें
आवाज़ें
सड़क पर आवारा कुत्तों की आँखों में याचनाएँ
एक झुर्रियोंदार बूढ़े ने कहा
अनिल जनविजय
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