{{KKCatGhazal}}
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रक्त का संचार है पर्यावरण
साँस की रफ़्तार है पर्यावरण
फूल, फल या छाँव की ख़्वाहिश अगर
तो प्रकृति का प्यार है पर्यावरण
उन परिन्दों के लिए भी सोचिए
उनकी भी दरकार है पर्यावरण
मन खिले, आँगन खिले, उपवन खिले
फिर से अब तैयार है पर्यावरण
जन्म से लेकर मरण तक साथ दे
जिंदगी का सार है पर्यावरण
पेड़ रोते हैं कुल्हाड़ा देखकर
किस क़दर लाचार है पर्यावरण
एक पौधा आप भी आकर लगायें
प्रकृति का श्रृंगार है पर्यावरण
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