Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लाल्टू |अनुवादक= |संग्रह=नहा कर नह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=लाल्टू
|अनुवादक=
|संग्रह=नहा कर नही लौटा है बुद्ध / लाल्टू
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>

गहरे नीले में थी वह जब उसने
मुझे कविताओं की किताब दी
दूर थी तो नीला शरत् का आकाश था
कविताएँ साझा करते हुए वह
आसमान मेरी ओर आ रही थी

पास उसकी मुस्कान नीले पर बिछ गई
वह मुस्कान मुझे कविताएँ दे रही थी।

</poem>
761
edits