586 bytes added,
03:08, 31 जनवरी 2019 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=वाल्टर सेवेज लैंडर
|अनुवादक=तरुण त्रिपाठी
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
मृत्यु मेरे सिर पर खड़ी, फुसफुसाती है
मैं नहीं जानता क्या, मेरे कान में
उसकी अज़ीब भाषा का मैं जानता हूँ तो
बस ये कि इसमें डर-सा कोई शब्द नहीं है..
</poem>