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विनती / उमेश बहादुरपुरी
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05:30, 13 मार्च 2019
दिला सकऽ हऽ तूँ ही मइया जग में हमरा पहचान
हम्मर बाजी तोर हाँथ में रखिहा मइया
लाज।
लाज
नञ् सरसता वाणी में हे अधूरा हम्मर
साज।
साज
हमरा रस्ता नञ् सूझे हम राही अंजान
दिला सकऽ हऽ तूँ ही मइया जग में हमरा पहचान
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