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केकरा कही हम अप्पन हो भइया।भइयाकोय न´् नञ् अप्पन नजर आबऽ हे।हेघिर गेल चहूँओर काली रे बदरिया।बदरियाहमरा नजर न´् नञ् फजर आबऽ हे।। हेकेकरा ....चहूँओर घुरऽ हे चोर-बेइमनमा।बेइमनमाआय गेलय हाय राम जुल्मी-जमनमा।जमनमाहाय राम चलूँ अब कउने डगरिया।डगरियाहमरा नजर न´् नञ् डगर आबऽ हे।। हेघिर ....कोय बात करे न´् नञ् धरम-ईमान के।केराज आ गेलइ डाकू-शैतान के।केचहूँओर लूटमार मच गेल भइया।भइयासगरो नजर अजगर आबऽ हे।। हेघिर ...केकरा सुनाऊँ कोय सुन्नेवाला न´् हे।नञ् हेकेकरा गुनाऊँ कोय गुन्नेवाला न´् हे।नञ् हेसब कोय बे-शरम भे गैले भइया।भइयाकोय के न´् नञ् बतिया असर आबऽ हे।। हेघिर ...सिधका डगरिया के कोय न´् रहिया।नञ् रहियाकोय न´् नञ् अप्पन देसवा के सिपहइया।सिपहइयाकेक्कर हँथवा में बागडोर दी हम।हमकोय न´् नञ् नजर अकबर आबऽ हे।। हेघिर ...
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