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03:20, 18 मार्च 2019 {{KKRachna
|रचनाकार=जगदीश पीयूष
|अनुवादक=
|संग्रह=बोली बानी / जगदीश पीयूष
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<poem>
दिया बिटिया क दान
दिया सगरौ समान
गईं ससुरे त मुंहना झुरान माई जी
ई दहेजवा क पपवा मोटान माई जी
आये जेतना बराती
खाये पिये दिनराती
मुला दुलहा क बपवा कोहान माई जी
ई दहेजवा क पपवा मोटान माई जी
करै ममवा बवाल
मचा धिंगरा धमाल
लागै पगला मंछिलवा टोनान माई जी
ई दहेजवा क पपवा मोटान माई जी
हाली आवा काली माई
मुंह बावा काली माई
जरै बिटिया त जारा खानदान माई जी
ई दहेजवा क पपवा मोटान माई जी
</poem>