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|संग्रह=बोली बानी / जगदीश पीयूष
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<poem>
दिया बिटिया क दान
दिया सगरौ समान

गईं ससुरे त मुंहना झुरान माई जी
ई दहेजवा क पपवा मोटान माई जी

आये जेतना बराती
खाये पिये दिनराती

मुला दुलहा क बपवा कोहान माई जी
ई दहेजवा क पपवा मोटान माई जी

करै ममवा बवाल
मचा धिंगरा धमाल

लागै पगला मंछिलवा टोनान माई जी
ई दहेजवा क पपवा मोटान माई जी

हाली आवा काली माई
मुंह बावा काली माई

जरै बिटिया त जारा खानदान माई जी
ई दहेजवा क पपवा मोटान माई जी

</poem>