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16:04, 18 मार्च 2019 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रंजना वर्मा
|अनुवादक=
|संग्रह=शाम सुहानी / रंजना वर्मा
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
मिला जिसको तुम्हारा प्यार होगा
ज़माने का हसीं किरदार होगा
सुनो घनश्याम सूनी ज़िन्दगी का
कोई अनजान क्यों हक़दार होगा
पुकारेंगे तुम्हें नित आस ले कर
तुम्हारा भी करम हर बार होगा
पकड़ लो हाथ अपने भक्तजन का
भरा सुख से सकल संसार होगा
मिलन की आस है सबके हृदय में
मिलो तो प्राण का त्यौहार होगा
</poem>