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सात जुगां रौ लेखौ / रेंवतदान चारण
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17:16, 3 अप्रैल 2019
आयौ मेघ मांगनै लेग्यो, प्रीत करै सो भोळा रै;
सेसनाग समदर में सूतौ, लेतो नीर हिबोळा रै;
धूम तावड़ै कळभळ करती, तपती देखी धरती;
पांन-पांन रूंखां रा झड़ग्या, बेलड़ियां बळबळती;
आशिष पुरोहित
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