हजारों साल से, कुछ लोगों ने मिटाना चाहा
मगर मैं ज़िन्दा हूँ, भारत के फसाने में
दलितों को मान मिला है, किस जमाने में?
कोई बताये इनके वेदों और पुराणों में?
क्या रामायण की रचना किसी दलित ने की?
गर किया है तो उसे भेजो पागलखाने में
भगवान तेरा कुसूर नहीं है, मुझे मिटाने में
तेरा वजूद है झूठा, सभी फ़साने में