{{KKCatUttarPradesh}}
====प्रतिनिधि ग़ज़लें====
* [[आकर गिरा था कोई परिंदा लहू में तर / शकेब जलाली]]
* [[आके पत्थर तो मेरे सहन में दो-चार गिरे / शकेब जलाली]]
* [[जाती है धूप उजले परों को समेट उतर के नाव से भी कब सफ़र तमाम हुआ / शकेब जलाली]]* [[मुरझा के काली झील उतरीं अजीब रोशनियाँ रात ख़्वाब में गिरते हुए भी देख / शकेब जलाली]]* [[फिर सुन रहा हूँ गुज़रे ज़माने की चाप को / शकेब जलाली]]* [[पास रह के भी बोहत दूर हैं दोस्त / शकेब जलाली]]
* [[खामोशी बोल उठे, हर नज़र पैगाम हो जाये / शकेब जलाली]]
* [[गले मिला न कभी चाँद बख्त ऐसा था / शकेब जलाली]]
* [[वही झुकी हुई बेलें वही दरीचा था / शकेब जलाली]]
* [[लौ दे उठे वो हर्फ़-ए-तलब सोच रहे हैं / शकेब जलाली]]
* [[जहाँ तलक भी ये सेहरा दिखाई देता है / शकेब जलाली]]
* [[उतरीं अजीब रोशनियाँ रात ख़्वाब में जाती है धूप उजले परों को समेट के / शकेब जलाली]] * [[वहाँ की रोशनियों ने भी ज़ुल्म ढाए बहुत / शकेब जलाली]] * [[हमजिंस अगर मिले न कोई आसमान पर / शकेब जलाली]]
* [[तूने कहा न था कि मैं कश्ती पे बोझ हूँ / शकेब जलाली]]
* [[उतर पास रह के नाव से भी कब सफ़र तमाम हुआ बोहत दूर हैं दोस्त / शकेब जलाली]]* [[आकर गिरा फिर सुन रहा हूँ गुज़रे ज़माने की चाप को / शकेब जलाली]]* [[मुरझा के काली झील में गिरते हुए भी देख / शकेब जलाली]]* [[लौ दे उठे वो हर्फ़-ए-तलब सोच रहे हैं / शकेब जलाली]] * [[वहाँ की रोशनियों ने भी ज़ुल्म ढाए बहुत / शकेब जलाली]] * [[वही झुकी हुई बेलें वही दरीचा था / शकेब जलाली]]* [[हमजिंस अगर मिले न कोई परिंदा लहू आसमान पर / शकेब जलाली]] * [[कू-ब-कू दाम बिछे हों किकड़कती हो कमाँ / शकेब जलाली]]* [[वो सामने था फिर भी कहाँ सामना हुआ / शकेब जलाली]]* [[समझ सको तो ये तिश्नालबी समन्दर है / शकेब जलाली]]* [[कहाँ रुकेंगे मुसाफ़िर नए ज़मानों के / शकेब जलाली]]* [[पर्दा-ए-शब की ओट में तर ज़ोहरा-जमाल खो गए / शकेब जलाली]]* [[जाती है धूप उजले परों को समेट के / शकेब जलाली]]* [[जलते सहराओं में फैला होता / शकेब जलाली]]* [[कुछ तो आता मेरी बातोंका जवाब / शकेब जलाली]]* [[जो भी तालिब है यक ज़र्रा उसे सहरा दे / शकेब जलाली]]