Changes

{{KKCatDalitRachna}}
<poem>
कभी पर्वत कभी वादी, कभी झरने कभी सहारा1सहारा
बची कौन सी जगह, रहा न तेरे वर्चस्व का पहरा
धरा-धरोहर धन-दौलत, सर्वस्व तुम्हारे पास रहा
Delete, Mover, Reupload, Uploader
16,472
edits