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13:00, 2 मई 2019 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=धनेश कोठारी
|अनुवादक=
|संग्रह=[[ज्यूंदाळ / धनेश कोठारी]]
}}
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<poem>
उजाड़ी द्या युंका चुलड़ौं
शैद, मौन टुटी जावू
खैंणद्या मरच्वाड़ा युंका
शैद, आंखा खुलि जौंन
रात बासा रौंण न द्या
शैद, सुपन्या टुटी जौंन
बांधि द्या गौळा घंडुळी
शैद, मुसा घौ मौळौंन
थान मा बोगठ्या सिरैद्या
शैद, द्यब्ता तुसि जौंन
कांडु माछा कु गाड़ धौळा
शैद, गंगा का जौ हात औंन
उच्च कंदुड़्यों सुणै छ्विं त लगा
शैद, सच्च-सच्च बाकि जौंन
</poem>