गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
अमृत पल / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
5 bytes added
,
23:21, 18 मई 2019
उड़ गए सब वे
लौट न पाए ।
220
(274)
परखना है
पावनता किसी की
पूछो मन से ।
</poem>
वीरबाला
4,866
edits