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एक तलैया की याद में / अनुपम सिंह
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14:43, 2 जून 2019
मेला चलने के लिए ।
भैसें
भैंसें
चली आतीं नहाने
अपना कुनबा लिए
मुँह बोर-बोर नहातीं
अनिल जनविजय
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