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दोहे-8 / दरवेश भारती
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06:31, 11 जून 2019
इस गडमड माहौल में, कुण्ठित हुआ विवेक॥
राजनीति के मंच पर, देखे
अजब चरित्र।
दरियादिल दिखते मगर
होकर शिष्ट-विशिष्ट भी
,
दिल से निरे
करते कर्म
दरिद्र॥
</poem>
Sharda suman
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