[[Category: सेदोका]]
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अतीत बीताक्यों रोया जाए सदाचलो आज तो जी लेंफटा जो दिलउसको आज सी लेंतुझे देख मुस्काएँ।7'मेरे अधरदेखो मद से भरेमैं रातभर जगी'ऊषा यूँ बोली-धो उदासी मन कीहँसो चूम लो मुझे।8बिछुड़े साथी,जिनकी राहें मुड़ीजहाँ खिली चाँदनी;साथ वे बचेग्रंथि-बन्धन कियामन से मन सदा।9सूखी घास हीजले पलभर मेंईर्ष्यालु जन -जैसीबचे रहेंगे हम ठहरे लौहपिंघलेंगे,जलें ना।10तय किया थाहमने मिलकरफूलों- सा खिलकर,जुदा न होंगे भूल गए हो तुमराह देखते हम।-0-
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