463 bytes added,
15:04, 9 जुलाई 2019 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सुनीता शानू
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
तेज ठण्डी हवाओं के
गुजरते तूफान में भी
धधक रही है एक ज्वाला सी
मेरे मन में
और मेरी संवेदनाएँ
पिघल रही है
मोम की तरह...
</poem>