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नर हो, न निराश करो मन को / मैथिलीशरण गुप्त
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14:28, 13 सितम्बर 2019
मरणोंत्तर गुंजित गान रहे
सब जाय अभी पर मान रहे
कुछ हो न
तज़ो
तजो
निज साधन को
नर हो, न निराश करो मन को।
Sharda suman
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