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क्या रक्खा अब यार गाँव में / धीरज श्रीवास्तव
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23:13, 29 सितम्बर 2019
गौरी भोला चिनगुद में भी
पहले-सा सम्बन्ध नहीं!
चोर-उचक्के बने
चैधरी
चौधरी
घूम रहे मक्कार गाँव में!
क्या रक्खा अब यार गाँव में!
नहीं रहा जब प्यार गाँव में!
</poem>
Rahul Shivay
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