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हाइकु / जगदीश व्योम

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बादल रोयाउगने लगेधरती भी उमगीकंकरीट के वनउदास मन।  छिड़ा जो युद्धरोयेगी मानवताहँसेंगे गिद्ध।फसल उगी।
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