Changes

बस इतना ही करना कि
पीड़ा की तपिश जब कभी मद्धिम पड़ने लगे
और मैं एक पल के लिए भी भूल जाऊंजाऊँ
तुम मेरे मन की आग बन जाना
बस इतना ही करना कि
मेरी साँसें जब मेरे सीने में डूबने लगेलगें 
और मैं महा-प्रयाण की तैयारी करने लगूँ
तुम मिलन की आस बन जाना
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