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बन्द कर लो द्वार / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
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23:29, 12 नवम्बर 2019
ज़रा ठहर,
'''बीतने ही वाला है'''
ये तीसरा
चौथा
पहर।
143
हुई अँजोर
उफनी भागी।
-0-
<poem>
वीरबाला
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