गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
एक कप कॉफी / पूनम गुजरानी
2 bytes removed
,
18:29, 9 दिसम्बर 2019
कहो...
कहो आओगे ना
जब सांझ उतरने लगेगी
पर्वत के उस पार
झील के किनारे
जहाँ एक कप कॉफी
कर रही है
तुम्हारा इंतज़ार।
</poem>
सशुल्क योगदानकर्ता ५
Delete, Mover, Reupload, Uploader
16,606
edits