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हम देखेंगे / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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19:57, 2 जनवरी 2020
हम महकूमों<ref>रियाया या शासित</ref> के पाँव तले
ये धरती धड़-धड़ धड़केगी
और अहल-ए-
हक़म
हकम
<ref>सताधीश</ref> के सर ऊपर
जब बिजली कड़-कड़ कड़केगी
जब अर्ज-ए-ख़ुदा के काबे से
अनिल जनविजय
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