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सवाल पंचतत्त्वों से, जो मेरी देह पर दावा करते हैं! / मुकेश निर्विकार
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09:35, 4 फ़रवरी 2020
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<poem>
ऐ जल! जरा
बताओं
बताओ
तो सही-
कब आजाद हुए तुम
ठाकुर के कुएँ से?
तुम भी सुन लो जरा
दिया कब निरापद
हमें आसरा ?
तुमने अपनाया कितना
Sharda suman
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