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रामवचन घर पर आया / राहुल शिवाय
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13:23, 18 फ़रवरी 2020
खाली वोट गिरा सकते हैं
और कोस सकते नसीब को
मैंने उसको
ढाढ़स
ढाढस
देकर
सब हल होगा समझाया है
रचनाकाल-02 फरवरी 2018
</poem>
Rahul Shivay
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