70 साल उर्दू साहित्य की सेवा में समर्पित किये हैं और अब भी निरंतर साहित्य सेवा में लगे हैं।
रहबर साहिब के सैकड़ों शागिर्द है जिनमें श्यामसुन्दर नन्दा नूर, [[सुरेश चन्द्र शौक़]], [[अभिषेक कुमार अम्बर]], नरेश निसार, अनु जसरोटिया तथा रविकांत अनमोल आदि प्रमुख हैं।अभिषेक कुमार अम्बर इनके सबसे प्रमुख शायर हैं जो इनके साहित्यिक वारिस भी हैं।
==पुस्तकें==
*कलश (1962)