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14:56, 6 मार्च 2020 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=अभिषेक कुमार अम्बर
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<poem>
देंगे हम जान इस तिरंगे पर,
अपना ईमान इस तिरंगे पर।
मेरे तो खून का है हर कतरा,
आज कुरबान इस तिरंगे पर।
राम रहमान और गुरुनानक,
सबका सम्मान इस तिरंगे पर।
हमको विश्वास सबसे बढ़ कर है,
देश की आन इस तिरंगे पर।
मेरा बस एक ख्वाब है अम्बर,
होऊं कुरबान इस तिरंगे पर।
</poem>