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07:28, 19 मार्च 2020 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार= कुमार मुकुल
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}}
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<poem>
पवित्र गोबर
कोई रहस्य नहीं है
खासकर अगर आपने
उसे अपने दिमाग में
भर लिया हो
जिससे सुविधा के अनुसार
जब चाहें आप
गणेश बना सकते हैं
या फिर
अपना व किसी अन्य का गुड़
गोबर कर सकते हैं
करीब करीब पारस से
लोहे को सोना करने के
मिथ की तरह।
</poem>