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मैं बढ़ा ही जा रहा हूँ / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
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07:52, 19 अप्रैल 2020
चल रहा हूँ, क्योंकि चलने से थकावट दूर होती,
जल रहा हूँ क्योंकि जलने से
तमिस्त्रा
तिमिस्रा
चूर होती,
गल रहा हूँ क्योंकि हल्का बोझ हो जाता हृदय का,
ढल रहा हूँ क्योंकि ढलकर साथ पा जाता समय का।
Aryaman Chetas
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