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पिता (गीत) / गरिमा सक्सेना
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16:44, 24 अप्रैल 2020
स्वर्णिम अक्षर गढ़ते आये
मेरा तो ब्रह्माण्ड पिता हैं
अंश उन्हीं का,
मैं
उनकी नन्ही
सविता हूँ
मुझको जीवन दिया उन्होंने
Rahul Shivay
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