कैसे हैं ललित जी, दो साल बीत गए शायद वंदना जी की कविताएँ आपको नहीं भेज पाया...अगर उनका पृष्ठ बनवा दें तो समय निकाल कर उनकी कविताएँ अपलोड कर दूँगा। -हेमंत
ललित जी और भाई अनिल,
नमस्ते, लंबे अंतराल के बाद मैं यहाँ फिर से उपस्थित हूँ और योगदान देने की स्थिति में हूँ। पीछे छूट गया काम भी अब पुरा कर सकता हूँ।
-हेमंत जोशी