गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
हमरा सँगे अजीब करामात हो गइल / मनोज भावुक
1 byte added
,
11:50, 29 मई 2020
'भावुक' हो! हमरा वास्ते बाटे बहुत कठिन
भीतर जहर उतार के सुकरात हो गइल
<
/
poem>
Sharda suman
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader,
प्रबंधक
35,147
edits