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तुम्हें देखकर / कृष्ण मिश्र
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13:08, 29 मई 2020
समर्पण में कोई कमी रह गयी है,
मधुर
प्यारे
प्यार
के उन सुगन्धित क्षणों में,
तुम्हें मुझसे कोई शिकायत नहीं थी,
न कोई गिला था तुम्हारे हृदय में,
Sharda suman
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