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06:21, 6 जून 2020 {{KKGlobal}}
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<poem>
सेमर के फुल
लाल टहकार
मजेदार समझदार
खिलेला त
झर जाली पतऽइ
बांच जाला फुल
लाल टहकार
मजेदार समझदार
ठुठ के रुप लेले
आपन आपन फेड़न प
सुग्गा के ठोर
लाल टहकार
मजेदार समझदार
मारेला ठोर फेन
सवाद खाति त
छितरा जाला फुल
रसदार मालदार
उड़ जाली रुई
होईके सवार
बगबग उजर पांखन प
सपनवाँ असहीं
लऽउके मालदार
मजेदार समझदार
आंख खुलेला त
जिनगी लऽउके
धारदार झोलदार
दमदार असरदार
बांच जाला ठुठ फेंड़
जस ई जिनिगी
आपन आपन कसौटिन प
</poem>