Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} {{KKCatBihar}} {{KKCat...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatBihar}}
{{KKCatBhojpuriRachna}}
{{KKCatBhojpuriRachnakaar}}

<poem>
अब गीत लिखीं
कि रीति लिखीं
सभकर उगिलल
हम तींत लिखीं
अन्हरिया प
अंजोरिया के
छोटकी दिया
के जीत लिखीं
हम मरम लिखीं
कि करम लिखीं
कि सभके जात
आ धरम लिखीं
तिरछी नैना
जब बने कटार
आपन हिया के
हर भरम लिखीं
हम घात लिखीं
कि भात लिखीं
खाइल गिनल
हर लात लिखीं
होत परात से
घर अंगनात में
मन के उफनात
हर बात लिखीं
हम भुख लिखीं
कि सुख लिखीं
हिया में उठल
सभ हुक लिखीं
कलम के धार
तलवार प वार
कुछुओ लिखीं
दु टुक लिखीं
</poem>
230
edits